SDO Full form in Hindi

SDO Full Form Hindi: एसडीओ का फुल फॉर्म क्या है? SDO क्या है कैसे बने पूरी जानकारी |

published on
July 2, 2024
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एसडीओ का पूरा रूप Sub-Divisional Officer (उप-विभागीय अधिकारी) है। वे जिला प्रशासन का एक महत्वपूर्ण अंग होते हैं और एक जिले के उप-विभाग के प्रशासन के लिए जिम्मेदार होते हैं। उप-विभाग आमतौर पर कई ब्लाकों या तहसीलों से मिलकर बना होता है। 


एसडीओ क्या करता है? 

एसडीओ की जिम्मेदारियां विविध और महत्वपूर्ण होती हैं। उनकी कुछ मुख्य भूमिकाओं में शामिल हैं: 

  1. विकास योजनाओं का कार्यान्वयन: SDO सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं जैसे सड़क निर्माण, सिंचाई परियोजनाओं, स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण आदि के कार्यान्वयन की देखरेख करते हैं। 
  2. राजस्व संग्रह: SDO अपने क्षेत्र में भूमि राजस्व और अन्य करों का संग्रह सुनिश्चित करते हैं। 
  3. शांति और व्यवस्था बनाए रखना: SDO अपने क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं। वे दंगों और विद्रोहों को रोकने और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
  4. जनता की शिकायतों का निवारण: SDO जनता की शिकायतों का निवारण करते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढते हैं। 
  5. चुनावों का संचालन: SDO अपने क्षेत्र में चुनावों के सुचारू संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 


एसडीओ का कार्यक्षेत्र: 

एसडीओ का कार्यक्षेत्र आमतौर पर एक जिले के उप-विभाग तक सीमित होता है। उप-विभाग आमतौर पर कई ब्लाकों या तहसीलों से मिलकर बना होता है। कुछ राज्यों में, SDO को ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य या उद्योग जैसे विशिष्ट क्षेत्रों के लिए भी नियुक्त किया जा सकता है। 


एसडीओ कैसे बनें? 

एसडीओ बनने के लिए, उम्मीदवारों को एक कठिन परीक्षा और साक्षात्कार प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसके लिए आमतौर पर किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक डिग्री अनिवार्य होती है। इसके अलावा, कई राज्यों में राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करना भी आवश्यक होता है। 


एसडीओ की चुनौतियां: 

एसडीओ की जिम्मेदारियां महत्वपूर्ण तो होती हैं, लेकिन साथ ही ये काफी चुनौतीपूर्ण भी होती हैं। कुछ प्रमुख चुनौतियों में शामिल हैं: 

  1. कार्यभार का दबाव: SDO को अक्सर सीमित संसाधनों के साथ काम करना पड़ता है और उन पर लगातार दबाव रहता है। 
  2. राजनीतिक हस्तक्षेप: SDO को कभी-कभी राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है, जो उनके काम को प्रभावित कर सकता है। 
  3. भ्रष्टाचार का सामना: दुर्भाग्य से, भारतीय प्रशासन में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है और SDO को भी इसका सामना करना पड़ सकता है। 


एसडीओ का काम क्या होता है? 

एसडीओ का पूरा नाम उप-विभागीय अधिकारी होता है। वे जिला प्रशासन का एक महत्वपूर्ण अंग होते हैं और एक जिले के उप-विभाग के प्रशासन के लिए जिम्मेदार होते हैं। उप-विभाग आमतौर पर कई ब्लाकों या तहसीलों से मिलकर बना होता है। 

एसडीओ की जिम्मेदारियां विविध और महत्वपूर्ण होती हैं। उनकी कुछ मुख्य भूमिकाओं में शामिल हैं: 

  1. विकास योजनाओं का कार्यान्वयन: एसडीओ सरकार की विभिन्न विकास योजनाओं जैसे सड़क निर्माण, सिंचाई परियोजनाओं, स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण आदि के कार्यान्वयन की देखरेख करते हैं। 
  2. राजस्व संग्रह: एसडीओ अपने क्षेत्र में भूमि राजस्व और अन्य करों का संग्रह सुनिश्चित करते हैं। 
  3. शांति और व्यवस्था बनाए रखना: एसडीओ अपने क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं। वे दंगों और विद्रोहों को रोकने और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
  4. जनता की शिकायतों का निवारण: एसडीओ जनता की शिकायतों का निवारण करते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढते हैं। 
  5. चुनावों का संचालन: एसडीओ अपने क्षेत्र में चुनावों के सुचारू संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 


एसडीओ की सैलरी कितनी होती है? 

एसडीओ की सैलरी उनकी पदवी और अनुभव के आधार पर होती है। एक शुरुआती एसडीओ की सैलरी लगभग 40,000 रुपये से 50,000 रुपये प्रति माह होती है। अनुभव के साथ, सैलरी बढ़ती जाती है और एक वरिष्ठ एसडीओ की सैलरी 1,00,000 रुपये से 1,50,000 रुपये प्रति माह तक हो सकती है। 


एसडीओ और एसडीएम में क्या अंतर है? 

एसडीओ और एसडीएम दोनों जिला प्रशासन के महत्वपूर्ण अंग होते हैं, लेकिन उनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं। 

  1. पदवी: एसडीओ का पूरा नाम उप-विभागीय अधिकारी होता है, जबकि एसडीएम का पूरा नाम उप-जिलाधिकारी होता है। 
  2. कार्यक्षेत्र: एसडीओ का कार्यक्षेत्र आमतौर पर एक जिले के उप-विभाग तक सीमित होता है, जबकि एसडीएम का कार्यक्षेत्र पूरे जिले तक होता है। 
  3. अधिकार: एसडीओ के अधिकार सीमित होते हैं, जबकि एसडीएम के अधिकार अधिक व्यापक होते हैं। 

 

एस.डी.ओ चयन परीक्षा 

 

एसडीओ बनने के लिए, आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा: 

  1. किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त करें। 
  2. राज्य लोक सेवा आयोग (PSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करें। 
  3. लिखित परीक्षा और साक्षात्कार दोनों में सफल हों। 

सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है: 

  1. प्रारंभिक परीक्षा: यह परीक्षा केवल पात्रता परीक्षा है। इसमें दो प्रश्न पत्र होते हैं, एक सामान्य अध्ययन और दूसरा सामान्य ज्ञान। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। 
  2. मुख्य परीक्षा: यह परीक्षा तीन प्रश्न पत्रों में आयोजित की जाती है, एक सामान्य अध्ययन, दूसरा विषय और तीसरा एक वैकल्पिक विषय। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। 
  3. मुख्य परीक्षा: यह परीक्षा तीन प्रश्न पत्रों में आयोजित की जाती है, एक सामान्य अध्ययन, दूसरा विषय और तीसरा एक वैकल्पिक विषय। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है।  

 

क्या है परीक्षा का पाठ्यक्रम 

 

किसी भी परीक्षा की तैयारी हेतु सबसे महत्वपूर्ण होता है उसका पाठ्यक्रम। पाठ्यक्रम के आधार पर ही आप अपनी रणनीति बनाते है। इसी आधार पर आप अपने लिए लक्ष्य निर्धारित कर सकते है। तो आइये जानते है क्या है इसका पाठ्यक्रम। जैसे आपको बताया गया है की इस परीक्षा के 3 चरण होते है। प्रारंभिक, मुख्य और इंटरव्यू। तो इसका पाठ्यक्रम निम्न है। 

  1. प्रारंभिक परीक्षा – प्रारंभिक परीक्षा में 2 प्रश्पत्र होते है -सामान्य अध्ययन एवं तार्किक शक्ति। सामान्य अध्ययन में उस राज्य से सम्बंधित और भारत के इतिहास,भूगोल ,राजनीति ,अर्थशास्त्र एवं अन्य विषयों से सम्बंधित बहुविकल्पिया प्रश्न पूछे जाते है। सामान्यता अलग अलग राज्यों में पैटर्न में वदलाव होता है। दूसरा पेपर तर्कशक्ति का है जिसमें आपसकी तर्कशक्ति की परीक्षा ली जाती है। इसमें सामन्यता गणित और रीजनिंग के प्रश्न पूछे जाते है। 
  2. मुख्य परीक्षा– इस परीक्षा के प्रश्न सामान्यता थोड़े कठिन स्तर के होते है। यह लिखित परीक्षा है। अलग अलग राज्यों में अलग अलग प्रश्नपत्र होते है। आप सम्बंधित राज्य की वेबसाइट पर विवरण देख सकते है। 
  3. इंटरव्यू -इंटरव्यू मुख्यत आपके व्यक्तित्व की परीक्षा हेतु है जिसमे आपकी ओवरआल व्यक्तित्व देखा जाता है 

 

एस.डी.ओ बनने के लिए पात्रता

इस पद के लिए आवेदन करने के लिए वह सभी अभ्यार्थी पात्र है जो की इसमें मांगी गयी इन सभी शर्तो को पूरा करते हो। 

  1. वह भारत का स्थाई नागरिक होना चाहिए। 
  1. उसे आयोग द्वारा मांगी गयी उम्र सीमा का पात्र होना चाहिए। 
  1. उसे भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी भी विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त हुए होनी चाहिए। 

अगर इच्छुक आवेदक इन सभी शर्तो को पूरा करता है तो वह इस परीक्षा में भाग लेने के लिए पात्र है। 

Key takeaways
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