GST full form in Hindi

GST Full Form in Hindi : जीएसटी का फुल फॉर्म क्या है? - हिंदी में जानकारी|

published on
July 2, 2024
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जीएसटी एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है जो लगभग सभी प्रकार के वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। यह भारत भर में एक समान कर दर लागू करता है, जिससे राज्यों के बीच व्यापार को आसान बनाता है और कर चोरी को कम करता है। जीएसटी में चार मुख्य कर दरें शामिल हैं:

  • 5%: आवश्यक वस्तुओं जैसे दूध, अनाज और दालों पर
  • 12%: अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर
  • 18%: ज्यादातर रेस्तरां, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और घरेलू उपकरणों पर
  • 28%: लग्जरी वस्तुओं जैसे सिगरेट, पान मसाला और एयर कंडीशनर पर

इसके अलावा, एक जीएसटी समपंजन सत्र (Cess) भी कुछ वस्तुओं पर लगाया जाता है, जिसका उपयोग सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के लिए किया जाता है।


जीएसटी कैसे काम करता है?

जब कोई निर्माता किसी उत्पाद का निर्माण करता है या कोई सेवा प्रदाता सेवा प्रदान करता है, तो वह उस पर लागू जीएसटी दर के अनुसार इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लेता है। जब वे अंतिम उत्पाद या सेवा बेचते हैं, तो वे उस पर आउटपुट टैक्स का भुगतान करते हैं। इस तरह, उत्पाद या सेवा के मूल्यवर्धन पर ही कर लगाया जाता है, जिसे वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) भी कहा जाता है।


जीएसटी प्रणाली में तीन स्तर शामिल हैं:

  • केंद्रीय जीएसटी (CGST): केंद्र सरकार द्वारा वस्तुओं और अंतर-राज्य सेवाओं पर लगाया जाता है।
  • राज्य जीएसटी (SGST): राज्य सरकारों द्वारा वस्तुओं और अंतर-राज्य सेवाओं पर लगाया जाता है।
  • एकीकृत जीएसटी (IGST): अंतर-राज्य व्यापार पर केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है।


जीएसटी के लाभ:

जीएसटी प्रणाली कई तरह के लाभ प्रदान करती है:

  • सरलता: एक जटिल कर प्रणाली को एक एकीकृत प्रणाली में बदलकर जीएसटी ने कर अनुपालन को आसान बना दिया है।
  • पारदर्शिता: जीएसटी प्रणाली पूरी तरह से ऑनलाइन है, जिससे कर जमा और रिफंड प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है।
  • कम लागत: जीएसटी लागू होने से कैस्केडिंग कर प्रभाव खत्म हुआ है, जिससे उत्पादों की कीमत कम हो गई है।
  • राष्ट्रीय बाजार: एक समान कर दर के साथ, जीएसटी ने पूरे भारत में एक राष्ट्रीय बाजार का निर्माण किया है, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिला है।
  • भ्रष्टाचार में कमी: नकदी लेनदेन कम होने से जीएसटी भ्रष्टाचार को कम करने में मदद कर रहा है।


जीएसटी की चुनौतियां:

हालांकि जीएसटी एक सकारात्मक कदम है, कुछ चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं:

  • जटिलता: जीएसटी प्रणाली अभी भी नई है और कई व्यवसायों को इसके नियमों और प्रक्रियाओं को समझने में कठिनाई होती है।
  • कर की दरें: कुछ उद्योगों का मानना है कि उनके लिए जीएसटी की दरें बहुत अधिक हैं, जिससे उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है। सरकार समय-समय पर समीक्षा और समायोजन के माध्यम से इन चिंताओं को दूर करने का प्रयास कर रही है।
  • डिजिटल साक्षरता: ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता की कमी जीएसटी प्रणाली में भाग लेने में एक बाधा है। सरकार डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों के माध्यम से इस चुनौती से निपटने का प्रयास कर रही है।

अनौपचारिक क्षेत्र का समावेश: अनौपचारिक क्षेत्र की वजह से कर चोरी का एक बड़ा हिस्सा होता है। सरकार अनौपचारिक क्षेत्र को औपचारिक क्षेत्र में लाने के लिए उपाय कर रही है ताकि जीएसटी अनुपालन को बढ़ाया जा सके।


जीएसटी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:

जीएसटी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। इससे औपचारिक क्षेत्र का विस्तार हो सकता है, कर चोरी कम हो सकती है और भारत सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि हो सकती है। जीएसटी ने पहले ही व्यापार में आसानी को बढ़ावा दिया है और विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद की है।


निष्कर्ष:

जीएसटी एक जटिल और बहुआयामी कर सुधार है। इसके कार्यान्वयन में चुनौतियां हैं, लेकिन इसके साथ ही इसके फायदे भी असंदिग्ध हैं। एक राष्ट्र, एक कर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार और उद्योग को मिलकर काम करना होगा। यह जीएसटी की क्षमता को पूरी तरह से अनलॉक करेगा और भारत को आर्थिक विकास के एक नए युग की ओर ले जाएगा।

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