BHMS Full Form in Hindi: BHMS क्या होता है? पात्रता, नौकरी, Course Details In Hindi

published on
July 2, 2024
4 Minutes
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BHMS का पूरा नाम बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी है। यह होम्योपैथी के क्षेत्र में एक सैद्धांतिक और व्यावहारिक शिक्षा है। यह उन छात्रों के लिए एक बेहतरीन पेशा है जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं के माध्यम से लोगों को ठीक करने में विश्वास करते हैं।

BHMS क्या है?

BHMS का फुल फॉर्म Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery है। यह एक स्नातक डिग्री प्रोग्राम है जो होम्योपैथी चिकित्सा का अध्ययन करता है। BHMS कोर्स की अवधि  पांच साल (चार साल का फुल टाइम कॉलेज और एक साल की इंटर्नशिप) होती है।

BHMS कोर्स क्यों चुनें?

BHMS कोर्स चुनने के कई कारण हैं। पहला कारण यह है कि होम्योपैथी एक प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है जो सुरक्षित और प्रभावी है। दूसरा कारण यह है कि होम्योपैथी एक बढ़ता हुआ क्षेत्र है जिसमें रोजगार के कई अवसर उपलब्ध हैं। तीसरा कारण यह है कि BHMS कोर्स एक अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त डिग्री है जो छात्रों को एक सफल करियर बनाने में मदद कर सकती है।

आवश्यक स्किल

BHMS कोर्स के लिए कुछ आवश्यक स्किल इस प्रकार हैं:

  1. शैक्षणिक योग्यता: BHMS कोर्स करने के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 (विज्ञान) की डिग्री प्राप्त होनी चाहिए।
  2. आयु सीमा: BHMS कोर्स करने के लिए उम्मीदवार की आयु 17 वर्ष से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  3. संचार कौशल: BHMS कोर्स में छात्रों को रोगियों के साथ संवाद करने की आवश्यकता होती है। इसलिए, उम्मीदवार के पास अच्छे संचार कौशल होने चाहिए।
  4. सहानुभूति: BHMS कोर्स में छात्रों को रोगियों की समस्याओं को समझने और उन्हें समाधान खोजने में मदद करने की आवश्यकता होती है। इसलिए, उम्मीदवार के पास सहानुभूति होना आवश्यक है।

BHMS कोर्स के बाद करियर के अवसर

BHMS कोर्स करने के बाद छात्रों को विभिन्न प्रकार के करियर के अवसर मिलते हैं। कुछ प्रमुख करियर विकल्पों में शामिल हैं:

  1. होम्योपैथिक डॉक्टर: BHMS की डिग्री के साथ, छात्र होम्योपैथिक डॉक्टर बन सकते हैं। होम्योपैथिक डॉक्टर रोगियों को होम्योपैथिक दवाओं और उपचारों के माध्यम से इलाज करते हैं।
  2. होम्योपैथिक क्लिनिक के मालिक: BHMS की डिग्री के साथ, छात्र अपना खुद का होम्योपैथिक क्लिनिक खोल सकते हैं।
  3. होम्योपैथिक शिक्षक: BHMS की डिग्री के साथ, छात्र होम्योपैथी में शिक्षक बन सकते हैं। वे विश्वविद्यालयों या कॉलेजों में होम्योपैथी पढ़ा सकते हैं।
  4. सरकारी नौकरी: BHMS की डिग्री के साथ, छात्र सरकार में होम्योपैथिक डॉक्टर या अन्य पदों पर काम कर सकते हैं।

BHMS कोर्स एक चुनौतीपूर्ण लेकिन पुरस्कृत कोर्स है। यह छात्रों को एक सफल करियर बनाने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करता है।

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बीएचएमएस कोर्स की अवधि

BHMS कोर्स की अवधि साढ़े पांच साल (चार साल का फुल टाइम कॉलेज और एक साल की इंटर्नशिप) होती है।

BHMS कोर्स सिलेबस

BHMS कोर्स सिलेबस निम्नलिखित विषयों को कवर करता है:

  1. होम्योपैथिक चिकित्सा की मूलभूत बातें
  2. होम्योपैथिक दवाओं का सिद्धांत और अभ्यास
  3. होम्योपैथिक रोग विज्ञान
  4. होम्योपैथिक चिकित्सा में नैतिकता और कानून
  5. होम्योपैथिक चिकित्सा में अनुसंधान

इसके अलावा, छात्रों को निम्नलिखित विषयों का अध्ययन करना भी आवश्यक होता है:

  1. सामान्य चिकित्सा
  2. सर्जरी
  3. प्रसूति और स्त्री रोग
  4. बाल रोग
  5. शारीरिक चिकित्सा और पुनर्वास
  6. मानसिक स्वास्थ्य
  7. सामुदायिक स्वास्थ्य

विशेषज्ञता

बीएचएमएस कोर्स के बाद, छात्र निम्नलिखित क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं:

  1. होम्योपैथिक बाल रोग विशेषज्ञ
  2. होम्योपैथिक स्त्री रोग विशेषज्ञ
  3. होम्योपैथिक त्वचा विशेषज्ञ
  4. होम्योपैथिक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ
  5. होम्योपैथिक सामाजिक चिकित्सा विशेषज्ञ

इनके अलावा, छात्र अपना खुद का होम्योपैथिक क्लिनिक खोल सकते हैं या सरकार में होम्योपैथिक डॉक्टर या अन्य पदों पर काम कर सकते हैं

BHMS कोर्स के बाद पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स

BHMS कोर्स करने के बाद, छात्र निम्नलिखित पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स कर सकते हैं:

  1. एमडी (होम्योपैथी): यह एक तीन साल का डिग्री प्रोग्राम है जो छात्रों को होम्योपैथिक चिकित्सा में विशेषज्ञता प्राप्त करने में मदद करता है।
  2. डीएचएमएस (होम्योपैथी): यह एक दो साल का डिग्री प्रोग्राम है जो छात्रों को होम्योपैथिक दवाओं और उपचारों में विशेषज्ञता प्राप्त करने में मदद करता है।
  3. एमएससी (होम्योपैथी): यह एक दो साल का डिग्री प्रोग्राम है जो छात्रों को होम्योपैथिक अनुसंधान में विशेषज्ञता प्राप्त करने में मदद करता है।

कोर्स फीस

BHMS कोर्स के बाद पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स की फीस संस्थान और कोर्स के आधार पर अलग-अलग होती है। आमतौर पर, एमडी (होम्योपैथी) कोर्स की फीस सबसे अधिक होती है, इसके बाद डीएचएमएस (होम्योपैथी) कोर्स और फिर एमएससी (होम्योपैथी) कोर्स की फीस होती है।

योग्यता

BHMS कोर्स के बाद पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए:

  1. BHMS की डिग्री: पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश पाने के लिए उम्मीदवार के पास BHMS की डिग्री होनी चाहिए।
  2. आयु सीमा: पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश पाने के लिए उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  3. अंग्रेजी भाषा कौशल: पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश पाने के लिए उम्मीदवार के पास अंग्रेजी भाषा में अच्छे कौशल होने चाहिए|

BHMS कोर्स के बाद पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स करने के लाभ

BHMS कोर्स के बाद पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स करने के कई लाभ हैं। इनमें से कुछ लाभ इस प्रकार हैं:

  1. विशेषज्ञता प्राप्त करें: पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स करने से छात्र होम्योपैथिक चिकित्सा के एक विशिष्ट क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं। यह उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ने और बेहतर अवसर प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
  2. ज्ञान और कौशल में वृद्धि: पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स छात्रों को होम्योपैथिक चिकित्सा में अपने ज्ञान और कौशल में वृद्धि करने में मदद करता है। यह उन्हें अपने करियर में सफल होने के लिए आवश्यक तैयारी प्रदान करता है।
  3. बेहतर अवसर प्राप्त करें: पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स करने वाले छात्रों को नौकरी के बाजार में बेहतर अवसर प्राप्त होते हैं। उन्हें अच्छी नौकरी और अधिक वेतन मिल सकता है। 

कुल मिलाकर, BHMS कोर्स के बाद पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स करना एक अच्छा विकल्प है। यह छात्रों को अपने करियर में आगे बढ़ने और बेहतर अवसर प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

आवेदन प्रक्रिया

BHMS कोर्स में प्रवेश पाने के लिए उम्मीदवारों को संस्थान द्वारा निर्धारित आवेदन प्रक्रिया का पालन करना होगा। आमतौर पर, आवेदन प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:

  1. आवेदन पत्र भरना: उम्मीदवारों को संस्थान द्वारा जारी आवेदन पत्र भरना होगा। आवेदन पत्र में उम्मीदवार के व्यक्तिगत विवरण, शैक्षणिक योग्यता और अन्य जानकारी शामिल होती है।
  2. आवेदन शुल्क का भुगतान करना: उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा। आवेदन शुल्क संस्थान और कोर्स के आधार पर अलग-अलग होता है।
  3. जांचें कि आपका शैक्षणिक रिकॉर्ड मान्य है: आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपका शैक्षणिक रिकॉर्ड संस्थान द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा करता है।
  4. प्रवेश परीक्षा देना: अधिकांश संस्थान BHMS कोर्स में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं। प्रवेश परीक्षा में उम्मीदवारों की सामान्य ज्ञान, विज्ञान और होम्योपैथी के ज्ञान की परीक्षा ली जाती है।
  5. मेरिट सूची में शामिल होना: प्रवेश परीक्षा के परिणामों के आधार पर उम्मीदवारों की एक मेरिट सूची तैयार की जाती है। मेरिट सूची में शामिल उम्मीदवारों को BHMS कोर्स में प्रवेश दिया जाता है। 

आवश्यक दस्तावेज़

BHMS कोर्स में प्रवेश पाने के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:

  1. आवेदन पत्र
  2. आवेदन शुल्क रसीद
  3. 10+2 (विज्ञान) की मार्कशीट
  4. स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र
  5. चरित्र प्रमाण पत्र
  6. आय प्रमाण पत्र
  7. अंग्रेजी भाषा दक्षता प्रमाण पत्र
  8. स्व-प्रमाणित फोटो

एंट्रेंस एग्जाम

भारत में, BHMS कोर्स में प्रवेश पाने के लिए सबसे लोकप्रिय प्रवेश परीक्षा NEET (National Eligibility cum Entrance Test) है। NEET एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है जो हर साल NTA (National Testing Agency) द्वारा आयोजित की जाती है। NEET में उम्मीदवारों की सामान्य ज्ञान, विज्ञान और होम्योपैथी के ज्ञान की परीक्षा ली जाती है। NEET परीक्षा में 100 प्रश्न होते हैं, जिनका कुल अंक 720 होता है। परीक्षा की अवधि 3 घंटे 30 मिनट होती है। NEET परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को BHMS कोर्स में प्रवेश दिया जाता है।

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शुरू करें

BHMS कोर्स में प्रवेश पाने के लिए अन्य प्रवेश परीक्षाओं में शामिल हैं:

  1. AIIMS (All India Institute of Medical Sciences) Entrance Exam
  2. KGMU (King George's Medical University) Entrance Exam
  3. BHU (Banaras Hindu University) Entrance Exam
  4. DU (Delhi University) Entrance Exam 

इन प्रवेश परीक्षाओं में से प्रत्येक में उम्मीदवारों की अलग-अलग योग्यताएं और पाठ्यक्रम होते हैं। उम्मीदवारों को अपनी योग्यता और रुचि के आधार पर प्रवेश परीक्षा का चयन करना चाहिए।

नौकरी की संभावनाएं

होम्योपैथी एक बढ़ता हुआ क्षेत्र है और इसमें रोजगार की संभावनाएं अच्छी हैं। भारत में, होम्योपैथिक चिकित्सा का अभ्यास करने के लिए सरकार से लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है। BHMS कोर्स करने के बाद, छात्र लाइसेंस प्राप्त करने के लिए योग्य हो जाते हैं।

वेतन

BHMS डॉक्टरों का वेतन उनकी योग्यता, अनुभव और स्थान के आधार पर अलग-अलग होता है। आमतौर पर, BHMS डॉक्टरों को शुरुआती वेतन 5-10 लाख रुपये प्रति वर्ष मिलता है। अनुभव और कौशल के साथ, वेतन 20-30 लाख रुपये प्रति वर्ष तक बढ़ सकता है।

निष्कर्ष

BHMS एक चुनौतीपूर्ण लेकिन पुरस्कृत कोर्स है। यह छात्रों को एक सफल करियर बनाने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करता है। होम्योपैथी एक बढ़ता हुआ क्षेत्र है और इसमें रोजगार की संभावनाएं अच्छी हैं। इसलिए, BHMS कोर्स एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

FAQs

1. BHMS डॉक्टर क्या कर सकते हैं?

  1. बीएचएमएस डॉक्टर होम्योपैथिक चिकित्सा के विशेषज्ञ होते हैं।
  2. वे रोगों का निदान, उपचार और रोकथाम होम्योपैथिक दवाओं और चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग करके करते हैं।
  3. वे रोगियों को जीवनशैली और आहार संबंधी सलाह भी दे सकते हैं।

2. BHMS की अवधि:

  1. BHMS को पूरा करने में साढ़े 5 साल लगते हैं।
  2. इसमें 4.5 साल की पढ़ाई और 1 साल का इंटर्नशिप शामिल होता है।

3. BHMS में प्रवेश:

  1. BHMS में प्रवेश के लिए, 12वीं विज्ञान (जीव विज्ञान) उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
  2. प्रवेश आमतौर पर NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) के आधार पर होता है।

4. BHMS के लिए आवश्यक अंक:

  1. NEET में आवश्यक कटऑफ अंक हर साल बदलते रहते हैं।
  2. हालांकि, 2023 में, सामान्य श्रेणी के लिए NEET कटऑफ 50% के आसपास था।

Key takeaways